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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org का 'हे नवकार महान' के रूप में नाम परिवर्तन करने की घृष्टता भी की है । मेरी दृष्टि से प्रस्तुत संचय के माध्यम से गुरुदेव ने श्री नवकार की महत्ता, गरिमा और आवश्यकता का स्थानस्थान पर गुणगान करते हुए मानव जीवन में श्री नवकार का क्या महत्त्वपूर्ण योगदान है । यह प्रतिपादित करने का महत् प्रयास किया है । I पूज्य गुरुदेव श्री ने यह कार्य सौंपते हुए सच पूछिए तो मेरी कसौटी, अग्नि परीक्षा ली है । मैं इसमें उत्तीर्ण हुआ हूँ अथवा अनुत्तीर्ण वह तो वे स्वयं ही जाने ! लेकिन प्रस्तुत जिम्मेदारी का वहन करते हुए मैंने स्वयं को अवश्य कृत-कृत्य समझा है । ३११ रविवार पेठ, पूना ४११ ००२ विर 1 मेरा प्रयास अल्प है । लेकिन आप महान है । आपके विचार, चिंतन और निरीक्षण - शक्ति महान है । बस, स्वीकार हो - यह अर्ध्य -यही प्रार्थना है । छः Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir का बन कडु क For Private And Personal Use Only विनीत रंजन परमार
SR No.008712
Book TitleHe Navkar Mahan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherPadmasagarsuriji
Publication Year
Total Pages126
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size9 MB
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