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१७. छोटा भाई
प्राणाधार नवकार ! 'जीवन' मेरा बडा भाई था । उससे मैं बड़े हर्ष से कई बार मिला। नाथ ! नवकार ! तुम्हें भी मैंस्नेह से, प्रेम से कई बार मिला हूँ। अब अपने छोटे भाई मरण को भी उसी आनंद और उमंग से मिलूंगा । खूब गले लगूंगा। उस पर भी मेरी अपार प्रीति है। उससे मिलने के बाद पुनः यह कलेवर तुम्हारे गुण गान करने की चेतना प्राप्त करेगा। मृत्यु संभवतः क्षणिक वियोग करायेगी भी
किन्तु....
मैं तुझ से मिलकर फिर पल्लवित बनूँगा।
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१८. आशादीप
काम पूरक ! काम चूरक नवकार !! प्रिय अब मेरा जीवन दीप अधिक समय नहीं जगमगाएगा।
हे नवकार महान
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