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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org * जो नवकार को पकडे रहता है वह इस लोक और परलोक में अनेक लाभ प्राप्त करता है जब कि जो उससे अलग रहता है वह उसके लाभ से भी अलग हो जाता है । * समुद्र में गोते लगाया करोगे तो रत्न जरूर प्राप्त होंगे। वैसे ही 'नवकार' का स्मरण किया करोगे तो अवश्य सुख शान्ति प्राप्त होगी ! * जरा भी शेष रक्खे बिना और संकोच रहित बन यदि अपना सर्व 'नवकार' को समर्पण कर दें तो 'नवकार' की कृपा प्राप्त करने की यह उत्तमोत्तम रीति है । * सुईं के छोटे छेद में मोटा डोरा पिरोते समय उसे पिसकर पतला बनाते हैं । उसी प्रकार विषय कषाय पतले बनाने पर ही 'नवकार' में मन पिरो सकेंगे ! Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir * मैके में पाँव धरती आशा भरी कन्या के बदन पर मुग्धता का जो आनन्द छा जाता है वैसा ही मुग्धता का आनन्द 'नवकार' के जाप के समय होना चाहिए ! * जो कुछ भी चाहिये 'नवकार' से माँगो, बल्कि दूसरे से माँगकर दीन-हीन भिखारी न बनो। दूसरे के पास थोडा मिलेगा फिर भी उसके हाथ तले सदा दबा रहना पड़ेगा । * यदि पहले ही गोते में रत्न न मिले तो नवकार महान 85 For Private And Personal Use Only 园
SR No.008712
Book TitleHe Navkar Mahan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherPadmasagarsuriji
Publication Year
Total Pages126
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size9 MB
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