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-गुरुवाणी
मैंने आपको देने के लिए सोना-मोहर की थैली रखी थी. वो गई कहां? यही मैं सोच रहा हूं, और कोई आया नहीं. नाटक किया, दो बार ऊपर गया दो बार नीचे गया. आदमियों से कहा. अड़ोसी-पड़ोसी सब इकट्ठे हुए, क्या हुआ? घर में चोरी कैसे हुई. यहां तो सिवाय बाबाजी के कोई नहीं आया.
बाबा जी को जो कुछ खिलाया पिलाया, चेहरा तो उतरना शुरू हो गया. मन में चोरी थी. मन में ममत्व था. मफतलाल बहत सफाई से काम कर रहा था. अपने पड़ोसियों से कहा - यार अभी तो मैंने तिजोरी खोली. सौ सोना मोहर मैंने गिनकर के अन्दर रखा. आश्चर्य होता है, यहां इतने आदमी अन्दर? बाबा जी भोजन कर रहे थे. गई कहां कोई कुत्ता बिल्ली तो नहीं ले गया. वह गायब कैसे हुई?
एक पड़ोसी को समझा रखा था, मफतलाल ने एकान्त में बाबा जी से आकर कहा बाबा जी भूल हर इन्सान से होती है, कोई देवता थोड़े ही है, आप भी साधु सन्त हैं.
और साधु सन्तों से भी अगर कभी भूल हो जाए. महाराज! हम लोग तो गृहस्थ हैं, दयालु हैं, हम तो क्षमा कर देते हैं. महाराज कभी भूल हो जाये लोभ से. तिजोरी खुली पड़ी थी. बाबा जी. यदि भूल हो गई तो यहां कोई सुनने वाला नही. मैं अकेला हूं आपका हितैषी हूं. उसे अगर देना हो तो दे दीजिये. यहां से जाने की भी जरूरत नहीं. पिछला दरवाजा मैंने खुला रखा है. बाबा जी, फिर बिना कारण लोग आपको हैरान करें. दो शब्द कहें. मारामारी करें, उससे अच्छा है बाबा जी, विनती कर रहा हूं.
बाबा को गुस्सा आया. बेटा तेरा सत्यानाश होगा. __ साधुता हो तो मेरा नाश हो, पर जहां साधुता है ही नहीं फिर आपका श्राप क्या काम करेगा? बाबा जी, आप अपने को संभालिए, बाबा जी, साधु होकर यह काम बड़ा गलत हो गया, अभी लोगों को मालूम पड़ेगा, बाबा जी, बड़ी बुरी हालत करेंगे. मुझे दया आती है. मैं अन्दर रख देता हं थैली को, जो आपकी जटा के नीचे है. फिर यहां से आप विदा हो जाइये, मैं कह दूंगा, भाई थैली तो मिल गई. बाबा जी को जरा जल्दी थी. इसलिए निकल गये. लोगों की भीड़ में आना वे पसन्द नहीं करते. बाबा जी बाइज्जत मैं आपको विदा कर दूं. बाबा जी तो वहां से तिलमिला कर गए. साला तेरा सत्यानाश हो. खिला करके मुझे लूट लिया. मेरी जिन्दगी की कमाई गई. बड़ी सफाई से मफतलाल ने काम कर लिया.
कहने का मतलब है यदि बाहर से हम नाटक करें, साधुता का, समता का, और अन्दर यदि क्रोध कषाय बैठा हो, आत्मा के गुणों को लूटता हो. हम क्या जाकर के वहां नमस्कार करेंगे. मैं आपसे कहूं क्रोध मत करो. लोभ मत करो वह चीज यदि मेरे अन्दर विद्यमान हो आप देखकर के मेरे से क्या प्राप्त करेंगे.
Dela
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