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%3Dतारुताणी
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ज्योतिषी के पास गए. उन्होंने हाथ दिखलाया. कहा कि आज कोई ऐसा अच्छा महर्त दो, बंबई है, लोग यहां धूल से पैसा कमाते हैं. पैसा कमाने के लिए आया हूं. कोई उपाय बतलाओ, जरा मेरा हाथ तो देखो. उसने हाथ देखा और कहा -- सेठ साहब तकदीर तो आपकी बहुत साथ देगी. एक अनुष्ठान आप करा लीजिए. क्या? आप जानते हैं? ज्योतिषी तो बड़े होशियार होते हैं. उनको समझना बहुत मुश्किल है.
औरंगजेब के काल में यहां एक बार भूकम्प आया. सारे ब्राह्मणों को बन्दी बना लिया, और कहा तुम भविष्यवाणी करते हो. इस नक्षत्र में बरसात होगी. इस समय एक ग्रहण लगेगा. इस समय अकाल पड़ेगा. तुमने ये भविष्यवाणी क्यों नहीं किया, यह भविष्यवाणी क्यों नहीं की कि इस दिन रात्रि के समय भूकम्प आएगा? हजारों आदमी बेघर हो गए.
पंडितों ने कहा – “यह तो बड़ी गजब की बात है. औरंगजेब का जुबानी कानून था. थोड़ा सोचकर कहा - "हजूर! जरा विचारने दीजिए. कहां भूल हो रही है? जरा सोचकर बतायेंगे." _ विचार का विलम्ब कई बार बचाव का रास्ता निकाल देता है. एक ज्योतिषी ऐसा आया, वह सबके लिए उसकी मौत की तिथि बतला देता था. इस तारीख को मरोगे. पूरे गांव के अंदर शोक छा गया. हरेक की मृत्यु तिथि बतला दी, राजा को बड़ा गुस्सा आया. पकड़ कर के कहा - "बेवकूफ! तू अपनी मौत की तिथि निकाल, तू कब मरेगा." हाथ में नंगी तलवार ले ली. वह जानता था कि यह राजा बड़ा धुनी दिमाग का है. यदि मैंने कल परसों किया तो यहां इसी समय गर्दन अलग होने वाली है. मौत की दूरी केवल चार अंगुल ही थी. कसौटी का समय था.
उसने कहा - "हजूर जरा दो मिनट दीजिए. मैं पंचांग देखकर के अपनी मौत की तिथि आपको बतलाता हं." उसने विचार कर विलम्ब से रास्ता निकाल लिया. हाथ जोड़कर के कहा कि “राजन मैंने अपनी मौत की तिथि तो देख ली. पर कहने में जरा विचार आता है. कहूं या न कहूं?"
तेरी मौत एकदम नजदीक में चार अंगुल की दूरी पर है, तू जानता है, इसका परिणाम तेरे सामने उपस्थित है. मौत तेरे सामने खड़ी है.
उसने कहा - "राजन मैं आपकी तलवार से या मौत से नहीं डरता, परंतु कुछ कहने के अंदर अविवेक न हो जाए. किसी को दुख न पहुंचे. इसलिए डरता हूं." "क्या बात है? सच बता दे.” “हजूर मेरी मौत के बाद मात्र तीन दिन बाद आपकी मौत है." तलवार अंदर चली गई.
संदेश या आशंका का ईलाज दुनिया में होता ही नहीं. राजा ने देखा कि यह जोखिम क्यों लूं? आज इसकी गर्दन उड़ाऊं और तीन दिन बाद मुझे मरना पड़े. शब्द सत्य हो जाए, ऐसा रिस्क नहीं लेना. तलवार अंदर म्यान में गई. कहा -- “मेरे राज्य को छोड़कर चले जाओ." पंडित ने देखा, चलो जान तो बची. उपाय निकाल लिया.
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