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गुरुवाणी
का नक्शा था, वह मंगवाया. मंगाकर के पूछा रहा, दिल्ली केन्द्र में है.
दिखाईये इसमें दिल्ली कहां है. यह
इसके अन्दर तेरा बंगला कहां है? नक्शे में तो बंगला नहीं है. तुम्हें क्या मालूम है ? दुनिया के नक्शे में तेरा कोई अस्तित्व नहीं ? तेरे बंगले की झांकी तक नहीं. तू गर्व करता है.
व्यक्ति की आदत है कि उसे सन्निपात हो जाता है. नशे में बकता है. मन के अन्दर जब मोह का नशा चढ़ता उस समय भान नहीं रहता कि मैं क्या बोल रहा हूं.
मुझे एक बार एक आदमी बम्बई ले गया. दो करोड़ का फ्लैट लिया था. वे संपन्न व्यक्ति थे. उस दिन प्रभु की पूजा रखी थी. मुझे कहा कि आप एक बार हमारे यहां पधारें. मैंने कहा ठीक है. परमात्मा की पूजा है, मैं आ जाउंगा. मैंने कहा चलो, ऊपर ले गया जो गृहस्थों के यहां बहुत सुन्दर फर्नीचर वगैरह होता हैं. ले जाकर मुझे दिखाया. साहब, यह फ्लेट दो करोड़ में लिया है. पच्चीस लाख फर्नीचर में खर्च किया है. वह हीरे का बहुत बड़ा व्यापारी था. मैंने कहा • मुझे किसी के पुण्य से कोई ईर्ष्या नहीं है, प्रसन्नता है. पूर्व के पुण्य से तुमको मिला है. अगर भावना हो तो कभी परोपकार में वह पैसा देना. तुमने कहा बहुत सुन्दर मकान है. मैं भी कहता हूं बड़ा सुन्दर है पर इसमें एक भूल है. उसे सुधार लेना. इसमें भूल है ?
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हां! इसमें भूल है. मैंने कहा, फिर कभी मिलना बात करेंगे. मैं तो आ गया. जिस व्यक्ति को मिलने के लिए चार-चार दिन पहले समय लेना पड़ता, एक मिनट टाइम नहीं. रात को ही आ गया. मुझे विश्वास था ऐसा मन्त्र देकर आया हूं बिना बुलाए आएगा. हुआ भी वही.
मैंने कहा
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इतनी जल्दी आ गए.
नहीं-नहीं महाराज, इधर से जा रहा था सोच लिया. चलो महाराज जी को वंदना करके जाऊं. मैंने कहा, बड़ी अच्छी बात है.
महाराजजी वह भूल क्या है? आप मुझे बतलाइये? मैंने कहा इतने बड़े कुशल व्यापारी हो. धंधा करते हो. मेरी बात को नहीं समझे. अरे जिस मकान के अन्दर तुम मुझे लेकर के गए. जिस दरवाज़े से प्रवेश किया. तुमने कभी सोचा उसी दरवाजे से तुमको बाहर निकालेंगे. मकान तुम्हारा और घरवाले तुमको बाहर निकालेंगे वह दरवाजा बन्द कर दो. दीवार बना दो ताकि कभी ऐसी भूल न हो.
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अरे, महाराज दीवार बनाया जाएगा? मैंने कहा, तुम्हारा मकान कैसे हुआ ? उस सारी सुन्दरता पर दरवाज़ा पानी फेर देता है. मकान बहुत सुन्दर, बड़ा शानदार. परन्तु याद रखो, तुम्हारे घर वाले उसी दरवाजे से निकालेंगे. इसीलिए मैंने कहा, यह भूल सुधार लेना. दरवाज़े की जगह दीवार बना देना ताकि कोई ले ना जाए.
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