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-गुरुवाणी
के अन्दर वह तेज होता था – जमीन धंसती थी. हमारी संतान पच्चीस वर्ष की अवस्था में ब्रह्मचर्य आश्रम में से गुरुजनों का आशीर्वाद लेकर जब बाहर आते.
धर्मं चर. धर्म का आचरण करना. अधर्म का प्रतिकार करना. यह आशीर्वाद होता था. वे बालक जब बोलते थे तो जैसे सिंह गर्जना करते हों, शब्दों का वाइब्रेशन - (कम्पन) इतना होता था कि सामने वाले का हृदय दहल जाये. वह ताकत थी, शेर की संतान थी. उनके पास गर्जना थी. जीवन में संयम का बल था. देश को ऐसी स्थिति में कोई खतरा नहीं था.
इस परम्परा को जैसे हमने दूर किया और इसका परिणाम कमजोर हुआ देश और आज तो ऐसी स्थिति है कि नारे तो हम लगा लेंगे, जलूस निकाल लेंगे, चिल्ला लेंगे, उत्तेजना आ जाएगी परन्तु उत्तेजना में शक्ति कहां. चिल्ला लीजिए. गली के कुत्ते भी बहुत चिल्लाते हैं, पूरी रात नींद बिगाड़ देते हैं पर ताकत है शेर से मुकाबला करने की? हमारी शारीरिक शक्ति तो आप देखिए – गन्ने में से रस निकाल लेते हैं और सांझा बचता है, यह हमारी स्थिति है.
सुदामा ऋषि के जैसे तो हम नज़र आते हैं कि बिना एक्सरे के एक-एक हड्डी गिन लो. यह हमारी स्थिति है आज के युवाओं की, ताकत कहां गयी? सदाचार की शक्ति कहां गयी? वह पवित्रता कहां गयी? विचार की सुन्दरता कहां गई? कछ भी नहीं मिलेगा. पच्चीस वर्ष के अन्दर तो बुढ़ापा नजर आता है. ___ पांच बरस, दस बरस की बालक की उम्र होती है, वहां तक ठीक है, बालक स्वस्थ है और जैसे ही सोलह-सत्रह बरस के ऊपर गया, बीमारियों से घिर जाता है, मेडिसन चालू हो जाती है. फेमिली डाक्टर रोज आकर के उसका जीर्णोद्धार करते हैं. वह मकान, जिसकी नींव इतनी कमजोर है कि यदि आपने छत बनायी तो दो वर्ष के बाद पानी टपकने लग जाये. दीवार में दरार हो जाये और मकान हिलने लग जाए. वह मकान कब तक टिकेगा. पन्द्रह बरस की उम्र हुई. अभी तो मकान का निर्माण हुआ और उससे पहले ही यदि जीर्णोद्धार शुरू हो जाए - दवाइयां और इंजेक्शन शुरू तो वह इमारत अपने जीवन की सेंच्युरी कब पूरी करेगा? चालीस-पचास वर्ष से पहले ही तबादला हो जाएगा. उनके जीवन को देखकर दया आती है. यह हमारे आज के संस्कार हैं.
स्कूलों में यही संस्कार मिलता है. वहां का समाज एवं परिवेश ऐसा बन गया है. घर में आइए तो घर में रोग व्यापक बन गया. माता-पिता का बालकों पर कोई अधिकार नहीं रहा. धार्मिक संस्कार से शून्य उनका जीवन बन गया. पोस्टर देखिए तो ऐसे होंगे कि जो भावना व वासना को उत्तेजित करने वाले हों. इस प्रकार के विज्ञापन आपको मिलेंगे. जहां जाइये वहीं पर यह जहरीली हवा आपको मिलेगी. इस भयंकर चक्रवात में, तूफान
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