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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुक्रम 1. अध्यात्म साधना में योग का सहयोग 2. आध्यात्मिक जीवन की पूर्णता के लिए सम्यक् चरित्र 3. आध्यात्मिक उत्क्रान्ति भावात्मक निर्मलता पर निर्भर 4. पुनर्जन्म एवं परामनोविज्ञान की दृष्टि में आत्मा 5. निजत्व की अनुभूति का प्रयास : अध्यात्म 6. चेतना की सर्वोच्च अकम्प अवस्था : ध्यान 7. मनुष्य विवेक से चले, विवेक से बढ़े 8. धर्म : एक आदर्श जीवन शैली 9. अध्यात्म-साधना का प्राणतत्त्व : सामायिक 10. आध्यात्मिक विकास की अभिक्रियाएँ 11. सतत जागृति : जीवन की सही समझ 12. प्रशान्ति का आधार : धर्म 13. कामनामुक्ति का उपाय : साक्षीभाव 14. अध्यात्म : अभय का द्वार 15. पर्यावरण का अर्थ : जीवसृष्टि एवं वातावरण की पारस्परिकता 111 16. मन में, स्वच्छ हवाओं को प्रवेश दें 117 17. संयम का अर्थ है - आध्यात्मिक शक्ति 123 18. धर्म का विशाल दृष्टिकोण 129 19. आध्यात्मिक दृष्टि से तत्त्व मीमांसा 135 20. अध्यात्म का स्रोत मन इन्द्रियाँ नहीं : आत्मा है 143 21. आध्यात्मिक उन्नयन में सहायक तथ्य 149 22. आध्यात्मिक विकास क्रम के चौदह सोपान 155 23. अध्यात्म का प्राणतत्त्व : रागद्वेष एवं कषाय से मुक्ति 167 24. अध्यात्म का आधार : अन्तरशुद्धि 25. आध्यात्मिक दृष्टि से संयम और तप 177 26. अध्यात्म की उपेक्षा : तनाव का कारण 27. अध्यात्म विकास के दो पहलू : व्यवहार और निश्चय 187 16 - अध्यात्म के झरोखे से 173 181 For Private And Personal Use Only
SR No.008701
Book TitleAdhyatma Ke Zarokhe Se
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmasagarsuri
PublisherAshtmangal Foundation
Publication Year2003
Total Pages194
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Spiritual
File Size11 MB
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