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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org प्रकाशकीय पन्यास प्रवर श्री धरणेन्द्रसागर जी म. सा. के योगशास्त्र पर दिये गये कुछ व्याख्यानों का प्रकाशन मैंनें 'जिन प्रतिभा' पाक्षिक पत्रिका में किया था, जिसे लोगों ने गंभीरता पूर्वक पढ़ा और सराहा । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पाठकों के उत्साह को देखकर महाराजश्री ने इसे पूर्णरूप में पुस्तकाकार छापने का भार मुझ पर सौंपा। महाराजश्री की इच्छानुसार इसे सं० २०४४ कार्तिक पूर्णिमा के पूर्व प्रकाशित करने का हमारा प्रयास सफल हुन । पुस्तक के प्रूफ को बार-बार जाँचने पर भी कुछ न कुछ अशुद्धियाँ रह जाना संभव है, जिसके लिये मैं पाठकों से क्षमा प्रार्थी हूँ । प्राशा है, पाठकगण अशुद्धियों के स्थान पर शुद्ध पाठ पढ़ने का तथा हमें संकेत करने का कष्ट करेंगे जिससे पुस्तक के द्वितीय संस्करण में उन्हें सुधारा जा सके । ८०६, चौपासनी रोड़, जोधपुर, पुस्तक की छपाई, कागज, गेटअप और मुख्य पृष्ठ को सुन्दर बनाने का यथासंभव प्रयास किया गया है । आशा है, पाठक इसे पसंद करेंगे । For Private And Personal Use Only कैलाशचंद जैन
SR No.008690
Book TitleYogshastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharnendrasagar
PublisherBuddhisagarsuri Jain Gyanmandir
Publication Year
Total Pages157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Yoga
File Size8 MB
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