________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(२१)
. (राम-रघुपति राघव राजाराज)
सीमंधरस्वाभी गुणनीला, किम वांदु जई वस्या वेगला; बीजे चंदलो उग्यो उदयकाल, भावे बंदना होजो त्रण काल १ वांदु वीसे जिनवर विहरमान, पांचे तिथि पाम्या विमलज्ञान, . जगनाथजी बाळो विषय कक्ष भावे वंदना ज्यां होजो दोय पक्ष. २ बीजे तप कर्या सुखसाधना, श्रावकमुनि धर्म आराधना; बेसी निगडे कहे सीमन्धर तिहां आथम गूंथे गणधार. ३ पंचागुली संघ रखवालिका मुज देजो मंगलमालि; भावविजय वाचकनो शीस भाण, कहे तुठ्ठो देवी कर कल्याण. ४
(२२) जंबूद्वीप विदेहमा विचरे, सीमन्धरजिन भाणजी, सोवनवान ऋषभलंछन तनु, पांचसे धनुष प्रमाणजी; घातीकर्म क्षये प्रभु पाम्या, केवलदसण नाणजी, लोकालोक प्रकाशक वंदु, नित नित हुं सुविहाणजी. १ जंबूद्वीपमां चार जिनेसर, धातकीखंडे आठजी, पुकरार्धमा आठ जघन्यथी, वीसतणा बहु पाठजो; उत्कृष्टा सित्तेर सो वंदो, धर्मतणा जिहां ठाठजी, प्रातःसमे परमेश्वर प्रणमो, कर्म खपावो आठजी. २
For Private And Personal Use Only