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अचिन्त्यचिन्तामणिकल्पभूत अनन्तानन्त परमउपकारक, परमतारक, परमकारुणिक, परमसुश्रद्धेय, परमसुगृहीतनामधेय, परमसुभगभागधेय, त्रिकालाबाधितावच्छिन्नानन्तानन्त परमप्रभावशालि, सकलसमीहितपूरक, देवाधिदेव श्री सीमन्धरस्वामि भगवाननो जय हो ! श्री सीमन्धरस्वामि भगवाननो जय हो। श्री सीमन्धरस्वामि भगवाननो जय हो ! अनन्तानन्त परमतारक देवाधिदेव श्री सोमन्धरस्वामिजी
परमात्मानां पंच कल्याणको श्री च्यवन कल्याणक श्रावण वदि-१-गूज. आषाढ वदि १ ,, जन्म
वैशाख वदि १०-गूज. चैत्र वदि १० ,, दीक्षा , फागण शुदि ३ ,, केवळज्ञान , चैत्र शुदि १३ ,, निर्वाण , श्रावण शुदि ३
(उद्धृतकपूर काव्यकल्लोलादि भाग पांचमांथी)
श्री भरतक्षेत्रनी आगामी चोवीशोजीना सातमा तीर्थङ्कर परमात्मा परमतारक देवाधिदेव श्री उदयस्वामिजोना निर्वाण पछी अने आठमा तीर्थक्कर परमात्मा देवाधिदेव श्री पेढाळस्वामिजोना जन्म पहेला अनन्तानन्त परमतारक भी सीमन्धरस्वामीजी परमात्मा श्रावण शुदि ३ ने दिने "निर्वाण" एटले मोक्ष पदने पामशे.
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