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॥श्रीरागातिविहरमाशा तेमाल सर्व सिनेमाहउतम पत्र विधायादारयान मानार्थ १५७रक उपाध्याय नमस्कार सामानमस्कार
नमस्कार व समदार
स्कार संपदा
यनमः
एनमः॥नमीरिता मसिनो आदरी आए। निमोनदा
सदा नमस्का काडीदीप सर्वसाधनेमा दश्व यूपंच परमेष्टि ने नमस्कार के दबु सर्वपापनदिनाच करएदार सर्वमंगल कमोदि एक लोकमेवि नमसका बें
सपाह
के. सबदा
समुदाप
याएगा। नमो लोए सहसा सोयेवमुकारो। सावला सरणी || मंगला गंद
पद- लघुक्ष
सर्व चर] 4
ममगलीक एकाएलादमगली कमोक्ष पा पायें मासंप
दा
मधेसि यदमंद व मंगल शासयदामायणाला शुरु सर्वक्षर
श्रीमद्देव चंद्रजी महाराजना हस्ताक्षर.
सपदाह
गुरु
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