________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अष्ट प्रवचन मातानी सझ्झायो.
१०११
AAAnandinavina
awards
साध्यरसी तो कीम ग्रहेरे, साधु चित्त सहायरे ॥ मुनि० ॥९॥ आत्म रुचि आत्मालयी रे, ध्याता तत्व अनंत । स्यादवाद ज्ञानी मुनिरे, तत्त्व रमण उपसंतरे ॥ मुनि० ॥ १० ॥ नवि अपवाद रुचि कदारे, शिव रसीया अनगार । शक्ति यथागम सेवतारे, निंदे कर्म प्रचाररे ॥ मुनिः ॥ ११ ॥ शुद्ध सिद्ध निज तत्त्वतारे, पूर्णानंद समाज। देवचंद्र पद साधतारे, नमीए ते मुनिराजरे ॥ मुनि ॥ १२ ॥
॥ ढाल सातमी ॥ सुमति सदाए दीलमे धरो ॥ ए देशी ॥ हमि० ॥ वचन गुप्ति सुधी धरो, वचन ते कर्म सहाय, सलुणा ।
For Private And Personal Use Only