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आगमसार.
गोद मध्ये छे अने भव्य जीवने निगोदनुं कारण ते अज्ञान दशा छे माटे तेहनो त्याग करो. ए निगोदनो विचार को. ए सर्व प्रमेयनो प्रमाता आत्मा पोताना ज्ञान गुणे करी प्रमेयनो प्रमाण करे ए प्रमेय पणो को.
५ सच्चपण ते छ द्रव्य एक समयमां उपजे विणशे छे अने स्थिरपणे छे. उत्पाद व्यय ध्रुवपणो तेहिज सत्पणो उत्पाद व्ययनुवयुक्तं सत् इति " तत्वार्थ वचनात् " ते विस्तारथी कही देखाडे छे. जे धर्मास्तिकायना असंख्याता प्रदेश छे तिहां एक प्रदेशमां अगुरुलघु असंख्यातो छे अने बीजा प्रदेशमां अनंतो अगुरुलघु छे, वीजा प्रदेशमां संख्यातो अगुरुलघु छे एम असंख्याता प्रदेशमां अगुरुलघुपर्याय घटतो ववतो रहे छे ते अगुरुलघु पर्याय चल छे ते जे प्रदेशमां असंख्यातो छे ते प्रदेशमां अनंतो थाय छे अने अनंताने ठेकाणे असंख्यातो थाय छे एम लोकप्रमाण असंख्यात प्रदेशमां शरीखो समकालें अगुरु लघु पर्याय फिरे छे ते जे प्रदेशमां असंख्यातो फिटीने अनंतो थाय छे ते प्रदेशमां असंख्यातपणानो विनाश छे अने अनंत पणानो उपजवो छे अने अगुरुलघुपणे गुण ध्रुव छे एम उपजवो विणसवो अने ध्रुव ए त्रणे परिणाम छे. अवर्मास्तिकायमां पण ए त्रणे परिणाम असंख्यात प्रदेशे सदा समय समयमां परिणमी रह्या छे. तेमां पण उपजे विणशे अने थिर रहे छे. एम आकाशना अनंता प्रदेशमां पण एक समये त्रण परिणाम परिणमे छे अने जीवना असंख्याता प्रदेश छे ते मध्ये पण उपजे विणशे थिर रहे (छे.) तथा पुद्गल परमाणुमा पण समय थाय छे अने कालनो वर्त्तमान समय फिटीने अतीत काल थाय छे तो वे समयमां वर्त्तमानपणानो विनाश
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