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आगमसार.
तेवो माने ए व्यवहार नय छे एमज पुद्गलना भेद करवा ते कहे छे. पुद्गल द्रव्यना बे भेद छे एक परमाणु, बीजो खंध, खंधना बे भेद एक जीवने लागा ते जीव सहित बीजा जीव रहित ते बडो प्रमुख अजीवनो खंध, हवे जीव सहित खंधना बे भेद छे एक सूक्ष्म खंध बीजो बादर खंध.
इहां वर्गणानो विचार लखीये छैयें, तिहां पुद्गलनी वर्गणा आठछे १ औदारिक वर्गणा २ वैक्रिय वर्गणा ३ आहारक वर्गणा ४ तैजस वर्गणा ५ भाषा वर्गणा ६ श्वासोच्छ्वास वर्गणा७ मनो वर्गणा ८ कार्मण वर्गणा-ए आठ वर्गणानां नाम कह्यां. बे परमाणु मेला थाय त्यारे द्वयणुकखंध कहेवाय. त्रण परमाणु भेला थाय तेवारे श्यणुकखंध थाय. एम संख्याता परमाणु मिले संख्याताणुकखंध थाय, तेमज असंख्याते असंख्याताणुकखंध थाय, तथा अनंता परमाणु मिले अनंताणुकखंध थाय. ए खंध ते सर्व जीवने अग्रहण योग्य छे, अने जेवारे अभव्यथी अनंतगुण अधिक परमाणु भेला थाय तेवारें औदारिक शरीरने लेवा योग्य वर्गणा थाय.
एमज औदारिकथी अनंतगुणा अधिक वर्गणामां दल भेलां थाय तेवोरे वैक्रिय वर्गणा थाय, वली वैक्रिय थकी अनंतगुणा परमाणु मिले तेवारे आहारक वर्गणा थाय. एम सर्व वर्गणाना एकेकथी अनंतगुणा अधिक परमाणु मिले तेवारें ते वर्गणा थाय. एटले पहेलीथी बीजी वर्गणा, बीजीथी त्रीजी एम सातमी मनो वर्गणाथी आठमी कार्मण वर्गणामां अनंतगुण परमाणु अधिक छे. इहां १ औदारिक, २ वैक्रिय, ३ आहारक, ४ तैजस, ए चार वर्गणा बादर छे तेमां पांचवर्ण-बे गन्ध-पांच रस, आठ स्पर्श ए वीस गुण छे, तथा १ भाषा २ श्वासोच्छवास ३ मन ४ कार्मण ए
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