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आगमसार.
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हवे ए छ द्रव्यना गुण कहेछे. पहेलो धर्मास्तिकायना चार गुण एक अरूपी, बीजो अचेतन, बीजो अक्रिय, चोथों गतिसहायगुण. बीजा अधर्मास्तिकायना पण चार गुणछे. एक अरूपी, बीजो अचेतन, त्रीजो अक्रिय, अने चोथो स्थितिसहायगुण. त्रीजा आकाशास्तिकायद्रव्यना चार गुणछे. एक अरूपी, बीजो अचेतन, त्रीजो अक्रिय, चोथो अवगाहना दानगुण. हवे कालद्रव्यना चार गुण कहेछे. एक अरूपी, बीजो अचेतन, त्रीजो अक्रिय, चोथो नवापुराणवर्त्तनालक्षण. हवे पुद्गलद्रव्यना चार गुण कहेछे. एकरुपी, बीजो अचेतन, त्रीजो सक्रिय चोथो मिलणविखरणरूप पूरणगलन गुण हवे जीवद्रव्यना चार गुण कहेछे. एक अनंतज्ञान, बीजो अनंतदर्शन, त्रीजो अनन्तचारित्र, चोथो अनंतवीर्य, ए छ द्रव्यना गुण कह्या ते नित्यनुवछे.
हवे छ द्रव्यना पर्याय कहेछे. धर्मास्तिकायना चार पर्यायछे. एक खंध, बीजो देश, जो प्रदेश, चोथो अगुरुलघु. अधमस्तिकायना चार पर्याय. एक खंध, बीजो देश, त्रीजो प्रदेश चोथो अगुरुलघुः पुद्गल द्रव्यना चार पर्याय. एक वर्ण, बीजो गंध, बीजो रस, चोथो स्पर्श अगुरुलघुसहित; तथा आकाशास्तिकायना चार पर्याय. एक खंध, बीजो देश, त्रीजो प्रदेश, चोथो अंगुरुलघुः कालद्रव्यना चार पर्याय. एक अतीत काल, बीजो अनागत काल बीजो वर्तमान काल, चोथो अगुरुलवुः अने जीव द्रव्यना चार पर्याय. एक अव्याबाध, बीजो अनवगाह, त्रीजो अमूर्तिक, चोथो अगरुलघु ए छ द्रव्यनापर्याय कद्या.
छ द्रव्यनागुणपर्यावनुं साधर्म्यपणं कहेछे. अगुरु लघुपर्याय सर्वद्रव्यमां सरीखो छे अने अरूपीगुण पांच द्रव्यमां
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