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- २४ (१३) भावी चोवीशीना प्रथम तीर्थकर पद्मनाभजीनुं स्तवन श्रीयुत अमरचंदजी बोथरा तथा भोजकगीरधर हेमचंद तरफथी मळेल छे बीजां तेवीस स्तवनो छे एम सांभळ्युं छे पण हजु सुधी मळी शक्यां नथी.
२५ (१४) सीमंधर जिनस्तवन मोडं भोजक गीरधरभाई तरफथी मळ्युं छे तेम छपायेलुं पण छे.
३० (१९) दीवाळीनुं स्तवन नानुं ३१ (२०) नवानगरजी स्तवन ३२ (२१) ध्रुवपद स्तवन ३३ (२२) समवसरणस्तवन ३४ (२३) कुंभस्थापना स्तवन भोजकगी० हे० तरफथी मळेल छे.
सिद्धाचळनां स्तवनो आ चारे स्तवनो पादराना भंडारस्थ टीपणामांयी मळेल हे.
एल छे.
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३५ (२४) सहस्त्रकुटनुं स्तवन भोजकगी० हे० तरफथी मळेल छे तेमज कॉ. हेरल्डना १९१५ नां खास अंकमां छपायलुं छे.
३७ (२६) प्रभुस्तुति. ३८ (२७) सिद्धाचळस्तुति ३९ (२८) विशस्थानकस्तुति ४० (२९) गीरनारस्तुति ४१ (३०) ज्ञानबहुमानस्तुति
पादराना भंडारमांयी मळेल छे.
आप श्रीयुत अमरचंदजी बोथरा तथा
३६ (२५) अजितनाथ जिनहोरी होरी संग्रहमां छपा
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आ स्तुतिओ श्रीयुत अमरचंदजी बोरा
तरफथी मळी छे.