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(२१९)
अने उपशम सम्यक्त्व पांच बार उत्पन्न थाय छे. वेदक अने क्षायिक सम्यक्त्व एकवार उत्पन्न थाय छे अने क्षयोपशम सम्यक्त्व असंख्यवार उत्पन्न थाय छे.
बीयगुणे सासाणो- तुरियाइसुअट्टिगार चउचउसु, उवसमगखयगवेयग - खाओवसमा कमा हुंति ॥
बीजा गुणस्थानकमां सास्वादन सम्यक्त्व छे. चोथाथी अगियारमा सुधी उपशम सम्यक्त्व छे. चोथाथी सातमा सुधी वेदक अने क्षयोपशम सम्यक्त्व छे तथा चोथाथी अयोगी पर्यंत क्षायिक सम्यक्त्व छे.
वेदकं चैव सम्यकूत्वं क्षायोपशमिकं तथा, इति पौगलिकान्याहुः
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