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(१४९)
श्मन भाइ बेन वगेरे प्रपंच तरीके माने छे, पण तेमां जीवोनो कांई वांक नथी. एसवनुं कारण कर्म छे. कर्मवडे जीव बीजा जीवने दुश्मन तरीके धारे छे, पण तेमां कोइ जीव कोइनो दुश्मन नथी. कर्म थकी रहीत थरला सिद्ध महाराजनुं कोई खराब करवा समर्थ नथी तेम हुं पण ज्यारे कर्म रहित थइश, त्यारे कोइ मारुं खराब करी शकवा समर्थ नथी, कर्म तेज दुःखकारी छे.
कुतराने कोइ माणस कांकरो मारे तो ते कांकराने करडवा दोडे छे. सिंहने कोइ माणस गोळी मारे तो ते गोळी तरफ नहीं जतां ए गोळी कोणे मारी एम लक्षी मारनार सामो दोडे छे, तेम केटलाक प्राणी कूतरा
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