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षड् द्रव्य विचार.
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स्तित्वादि भेदतः पड्विधः उत्तरतो जाति समुदाय भेद रुपः जातितः गवि गोत्वं घटे घटत्वं वनस्पतै वनस्पतित्वं समुदय तो सहकारात्मके वने सहकारवनं, मनुष्य समूहे म. न्युष्य द्वंद, इत्यादि समुदायरुपः अथवा द्रव्यनिति सामान्य संग्रहः जीव इति विशेष संग्रहः ____ अर्थ. सामान्ये करी मुल सर्व द्रव्य व्यापक नित्यत्वादिक सतापणे रह्या जे धर्म तेनो जे संग्रह करे तेने संग्रह नय कहे छे.
तेना वे भेद छे. एक सामान्य संग्रह बी. जो विशेष संग्रह.
वळी सामान्य संग्रहना बे भेद छे, १ मुल सामान्य संग्रह २ उत्तर सामान्य संग्रह