________________
( ५२ ) षड् द्रव्य विचार. पणो ते स्वद्रव्य जाणवो. तथा पुद्गल द्रव्यनो मूलगुग पूरण गलनपणो ते स्वद्रव्य जाणयो. अने जीव द्रव्यनो मूल गुण ज्ञानादि कचेतना लक्षणपणो ते स्वद्रव्य, ए छ द्रव्यनो स्बद्रव्यपणो कह्यो.
हवे षड् द्रव्य स्वक्षेत्र कहे छे-धर्मास्तिकाय अने अधर्मास्तिकायनो स्वक्षेत्र असंख्यात मदेशमय जाणवो. अने आकाश द्रव्य नो स्वक्षेत्र अनंत प्रदेशमय जाणवो. काल द्रव्यनो स्वक्षेत्र समयरुप छे. पुद्गल द्रव्यनो स्वक्षेत्र एक परमाणु छे. अने परमाणु आ अनंता छे, जीव द्रव्यनो स्वक्षेत्र एक जीवना असंख्याता प्रदेश छे.
हवे स्वकाल ते षड् द्रव्यमा अगुरु लघु