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( २०) षड् द्रव्य विचार. एक कालद्रव्य अप्रदेशी छे, धर्मास्ति असंख्यात प्रदेशमय छे. अधर्मास्तिकाय असंख्य प्रदेशमय छे आकाश द्रव्य अनंत प्रदेशी छे. जीव द्रव्य असंख्यात प्रदेशी छे. जीव द्रव्य अनंता जाणवा. तथा पुदगल परमाणु आ अनंत प्रदेशी छे, अने एकेक परमाणुआमां अनंता पर्याय रह्या छे. परमाणुआ अनंत छे. ए रीते पांच द्रव्य समदेशी छे. अने कालद्रव्य अप्रदेशी छे, एनो गणित काल तो उत्पाद व्ययरुप पलटण स्वभावे अही द्वीप प्रमाणे जाणवो ए रीते षड् द्रव्यमां सप्रदेशी अने अप्रदेशी विचार कह्यो.
षड द्रव्यमांत्रण द्रव्य एक, अने त्रण द्रव्य अनेक जाणवां. केमके धर्मास्तिकाय द्रव्य