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पड़ द्रव्य विचार.
(१२३ )
ए छ प्रकारनी हानि समजवी.
ए छ प्रकारनी हानि तथा वृद्धि. सर्व द्रव्यमां सदा समय समये थइ रही छे. वृदि. कहेता उपजवो ( उत्पाद ) अने हानि कहेतां ( व्यय ) कहीर. ए अगुरु लघुत्व का. अगुरु लघु गुणने गोत्रकर्म रोके छे. ए अ. गुरु लघु स्वभाव सदा समय समय सर्व द्रव्यमां छे.
छ ए द्रव्यमा जेटला सरखा गुण ले. तेने सामान्य गुण कहें छे.
जे गुण एक द्रव्यमा छे. ते गुण वीजा द्रव्यमां नथी. तेने विशेष गुण कहे छे.
जे गुण कोइक द्रव्यमां छे, अने कोइक द्रव्यमा नथी. तेने साधारण असाधारण ग