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षड् द्रव्य विचार. (१२) wanaanaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaatacancy
चलण सहायीपणो परिणमतो हतो. अने वीजे समय अनंतपरमाणु तथा अनंतजीव प्रदेशने चलणसहायीं थयो. तेवारे असंख्याता चलणसहायनो व्यय, अने अनंता चलणसहायनो उपजवो, अने गुणपणे ध्रुव, एम धर्म द्रव्यमध्ये उत्पाद, व्यय, अने ध्रुवपणो थइ रह्यो छे. ते प्रमाण अधर्म आकाशादि द्रव्यने विष जाणवू तथा वली कार्य कारणपणे उत्पाद. व्यय तथा अगुरु लघुना चलननों उत्पाद, व्यय, पंचास्तिकायने विषे कहेवो तथा कालद्रव्यने उपचारथी द्रव्य छे. तेनुं सवे स्वरुप उपचारथीन कहे. एरीते सर्व द्रव्यमा सत्पणो छे. जो अगुरु लघुनो भेद न थाय तो प्रदेशोनो माहोमांहे भेद कहेको थाय?