________________
(...) षड् द्रव्य विचार.
४ प्रमेयत्व-एटले प्रमेयपणो छ द्रव्यमा छे. तेनो प्रमाण केवली पोताना ज्ञानथी करे छे. धर्मास्तिकाय. अधर्मास्तिकाय. अने आकाश ए एकेक द्रव्य छे. अने जीव द्रव्य अनंता छे. तेहनी गणतरी बतावे छे. संजी मनुष्य संख्याता छे. असंही मनुष्य असंख्याता छे. नारकी असंख्याता छे. देवता अ सख्याता छे. तिर्यंच पंचेंद्री असंख्याता के. बेरेंद्री असंख्याता . तेरेंद्री असंख्याता छे. चौरेंद्री असंख्याता छे. ते थकी पृथ्वीकाय असंख्याता छे. अपकाय असंख्याता. ते उकाय असंख्याता. वायुकाय असंख्याता. प्रत्येक वनस्पति जीव असंख्याता. ते थकी सिद्धना जीव अनंता. ते थकी बादर निगो