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जगगुरु हीरविजयसूरिजानु, तपतेजे सुखकारी. पट्टपरंपरा मिसागर, रविसागर हितकारी; श्रीसुखसागरगुरु गुणकारी, मुनिगुणगणना धारी. संवत् ओगणिश अग्न्याऐंसी, फागण बीज अजवाळी; बुद्धिसागर संघमा आनन्द-, मंगल वर्तो अपारी.
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महावीर० ९
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महावीर० १०
महावीर० ११
ॐ ह्रीं श्री परमपुरुषाय परमेश्वराय जन्मजरा मृत्युनिवारणाय श्रीमते जिनेन्द्राय निर्वाणकल्याणक पूजार्थ, जलं, चन्दनं, पुष्पं, धूपं, दीपं, अक्षतं, नैवेद्यं, फलं यजामहे स्वाहा ॥
॥ पंचज्ञान पूजा |
परमेश्वर परमातमा, वर्धमान जिनराज; प्रभु महावीर जगपति, सर्वमुनि शिरताज. शासनपति चोवीशमा, - तोर्थंकर अवतार; ब्रह्मा विष्णु महेश्वरा, - परब्रह्म निर्धार.