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पुद्गल] १३५
[पुष्प १६३४ इद्गल गीता. (जुओ क्षमा कुलकादि संग्रह.) १६३५ पुद्गल छत्रीशी. ( २८, १६).
, , (जुओ प्रकरण पुष्पमाळा बीजु पुष्प) १६३६ पुद्गल षत्रिशिका. रत्नसिंहसरि कृत. वृत्ति सहित. मू.
प्रा० वृत्ति सं. सं. १९६४ ( १७, १०)
" . , प्रभृति. (५०) १६३७ पुण्य प्रकाश स्तवन. गु. (६, ५०) १६३८ पुण्य धन नृप कथा (पाना) मुनिसुंदर सूरि शिष्य शु
____ भशील गणि कृत. रु. ०-४-० (९२, ४४८, १२) १६३९ पुण्य धन कथा. (५०) १६४० पुण्य प्रभाव याने समरादित्य. १६४१ पुण्याढय चरित्र. रु. ०-३-० १६४२ पुनर्जन्म गुजराती. १६४३ पुण्य प्रकाशनुं स्तवन. रु. ०-०-६ नथी. (३६) १६४४ पुरातत्त्व संशोधननो पूर्व इतिहास. मुनि जिनविजय. की. १६४५ पुरुषार्थ दिग्दर्शन. विजयधर्मसरि. (१४,४७) १६४६ पुरुषार्थ सिद्धि. कर्ता. शा. शिवजी देवशी. रु. ०-५-०
(१४३, ४४९) ,, , गद्यपद्यात्मक. रु. २-०-० ३६०
पान. सं. १९७६ गुर्जर. (१०८) [(४५०, ५०) १६४७ पुरुषार्थ सिद्धयुपाय अने स्याद्वाद मजरी हिन्दी. (दि.) १६४८ पुरुषार्थ सिद्धयुपाय, रायचंद्रजी शास्त्रमाला. अमृतचंद्रा
चार्य टीका भाषा सहित. सं. १९६२ रु. १-०-०
(४५१) १६४९ पुष्पमाला प्रकरण मूल. अभयदेव मूरि शिष्य रत्न मल्ल
धारी हेमचंद्रसूरि विरचितम्. रु. ०-८-० (३३)
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