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पाडे छे. के ते विस्तार थइ शके तेटलो करीने लखी नाखवा मागेतो सेंकडो, हजारो के लाखोनी गणत्रीथी नहीं पण करोडोनी गणत्री उपरांत थवा जाय छे आटलो विस्तार होवा छतां पण तेवां सत्रो अर्थ साथे रुबरुमा स्हेजे शिखवी शकाय तेवा छे. साधारण संस्कृत जाणनार पात्रने आ जैन शैलीनो जाणीतो विद्वान सहेजे समजावी शके छे..
दाखला तरीके:-एकेक श्लोकना सो सो अर्थ जणावनारां छपायेला तथा छपाया विनानां पुस्तको, एकज लेखमांयी सात महा पुरुषोनी जीवमी निष्पन्न थनारां पुस्तको एक सूत्रना करायेला ८००००० आठ लाख अर्थ, लेख एकने बे महापुरुषोनी जीवनी वर्णन करतां पुस्तको, सूत्र एक अने तेना अर्थावबोवनी च्याति जुओतो अढार हजार, अढार लाख उपरांत, तेर करोड उपरांत तेमज खास जुदाज विषयना बोधनारा. अन्य विद्वानोना, तेमज अन्य मतवाळाओना बनावेला, माघ, नैषधिय, मेघद्तादि काल्योने पादपूर्तिमा गोठवी धर्म बोधनां, अने समर्थ महात्माओनी जीवनीओ लखाय-तेनी पण योडीक थोडी नोंध लीधी छे. वेटलेयीन समजवामां आवशे.
श्राविकाओना लखेला ग्रंथो साध्वीओना लखेला गंयो जैनेतरोना लखेला गंथो अंग्रेज विद्वानोना लखेला ग्रंथो - प्रमाद अने अज्ञानने लीधे अपूर्ण नोंध लेवइ गइ एम पाछळयी जणाया छतां फरी-तेने पुरु करवानी जोगवाइनी गेरहाजरीने की तेवु अपूर्ण रहेवा दीधुं छे.
केटलाफ ग्रंयकर्ताओ अने संस्थाओनो पत्तो पण मल्यो नयी वेमने मली आवेले ठेकाणे लखी पूछतां कागळो डेडलेटर ऑफीस.
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