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( १७ )
प्रांतिज, पेथापुर, ओरण, अलवा, पोसीना, सोनासण, डुंगरपुर, प्रतापगढ, वगेरे गामोमां जैन हुंबड श्रावकोनां घर छे. हुंबडोमां श्वेतांबर हुंबड अ दिगंबर हुंबडए वे भेद छे. हालमां श्वेतांबर हुंबड अने दिगंबर हुंबड ए बे जातना हुंबडोनां इडर वगेरेमां घर छे. वडगच्छना अने तपागच्छना नवसे श्वेतांबर हुंबडघरो अने नवसे दिगंबर हुंघडनां घरो छे. इडर जिल्लामां, डुंगरपुर जिल्लामां, प्रतापगढ वगेरेमां श्वेतांबरी हुंबड जैनोनां घरो छे. श्वेतांबरोमां वीशा हुंबड अने दशा हुंबड ए वे भेद छे.
आ लेखसंग्रहना ६८-८०-८५-१००-१४६ - १८४ - १९८ –२०४-२३१-२४३ - २५१ अने २५२ मा पत्रमां हुंबडज्ञातिए भरावेली जैन प्रतिमाना लेखो छे. वडगच्छ तपागच्छना आचार्योए हुंबड जैनोपर घणो उपकार कर्यो छे. हुंबड जैमोनुं एक श्वेतांबर मंदिर श्री इरमां के अने तेओनो उपाश्रय पण त्यां छे. हुंबड जैनोपांधी पणा जैनाचार्यो, उपाध्यायो अने साधुओ थया छे तेथी तेना नामे हुंबडगच्छनी उत्पत्ति थइ छे. सं. १५५२ मां तपागच्छीय हेमविमलनी साथै श्वेतांबर हुं गच्छ संघदत्तसूरि थया छे. बीजा पण हुंबडगच्छना लेखो छे. इडर, प्रतापगढ, केशरीया, डुंगरपुर, प्रांतिज, साद्रा तरफना हुंबड जैनोमां हुंबडगच्छ प्रवर्ततो हतो. एक वे सैकां पूर्वे हुंबडगच्छनी अस्तितामां खामी आवी होय एम संभवे छे. वडगच्छना श्री पूज्यने हाल पण हुंबड वणिको पोताना गुरु तरीके गणी सर्व हक्को आपे छे.. श्रीचंद्रसिंहमूरिनी पाटे हाल वडगच्छमां श्रीबुद्धिसिंहसूर छे. श्वेतांबर जैनाचार्योए हुंबड जैनोनी मां भाग लेवा माटे खामी न राखवी जोईए. श्वेतांबर हुंबड जैनोनी पेठे दिगंबर हुंबड जैनो पण श्वेतांबर मुनियोने पूजे छे, माने छे. पेथापुर वगेरे स्थळोमां श्वेतांबर जैनोनी नवकारशीमां दिगंबर हुंबड जैनो पण जमे छे अने तेओ जैन श्वेतांबर मुनियो पासे व्याख्यान वगेरे धर्म कथाओ सांभळे छे.
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