________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३३
हारे संत साचारे संत साचा: हारे मन वाणीनी पार, दृष्टि हती रुडी आपनी.ज्ञा०॥४॥ गुणग्राहीलोको पासे आवता, बोध देता,
हारे बोध देतारे, बोध देता; हारे जेने जे जोइए तेम,अतुलितगतिमति आपनी-ज्ञा०॥५॥ जाणे महिमा शुं मूढमति जनो, जाणे ज्ञानी,
हारे जाणे ज्ञानीरे जाणे ज्ञानी: हारे आपनो महिमाय,निर्मल शांत स्वभावना.ज्ञान०॥६॥ आप अवतारने धन्य धन्य छे मुनिराजा,
हारे मुनिराजारे मुनिराजा; हारे रुडो अखंड प्रताप,चन्द्र सुरज सुधी वर्तशे ज्ञा०॥७॥ सर्व संशय छूटी गया हता, छूटी ग्रन्थी,
हारे छूटी ग्रन्थीरे छूटी ग्रन्थी; हारे गुरु दीनदयाल, देह परम उपकारनो. ज्ञान० ॥८॥ आप चरणे अमारा प्रणाम छे, लाखो फेरा,
हारे लाखो फेरारे लाखो फेरा; हारे स्वामी करजो स्वीकार, अजितमूरि एम विनवे.
ज्ञान पाम्या० ॥९॥
For Private And Personal Use Only