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उत्तर- हे गौतम! औषधि आदि के द्वारा गर्भ गलाने से या सगर्भा
मादा (स्त्री जाति) जानवरों को मारने से स्त्री वंध्या होती है। (५) प्रश्न- हे भगवन्! जिस स्त्री के लड़का या लड़की जन्मते ही मर
जाते है ऐसी मृतवत्सा किस पाप के उदय से होती है? उत्तर- हे गौतम! बैंगन कंद को हंस हंस कर खाने से तथा मुर्गी आदि
के अण्डों के पान करने से स्त्री मृत वंध्या होती है। (६) प्रश्न- हे भगवन्! मनुष्य एक आंख से काना किस पाप से होता है? उत्तर- हे गौतम! जो हरी सब्जी (वनस्पति को) शस्त्र आदि से छेदन
भेदन करता है। तथा फल फूल बीज आदि में सुंई से छेदन भेदन कर उन्हें धागे में पिरोकर गजरा हार आदि बनाता है वह
मनुष्य एक आंख से काना होता है। (७) प्रश्न- हे भगवन्! किसी किसी स्त्री के अधुरे गर्भ गिर जाते हैं
वह किस पाप से? उत्तर- हे गौतम! वृक्षों के कच्चे फल तोड़ने से और झाड़ों पर पत्थर
फेंकने से स्त्रियों के कच्चे ही गर्भ गिर जाते हैं। (८) प्रश्न- हे भगवन! जो जीव गर्भ में तथा योनि के समीप अटक
कर मर जाता है वह किस पाप के उदय से? । उत्तर- हे गौतम! किसी पर आक्षेप करने और झूठ बोलने से गर्भ में
तथा योनि के समीप रुककर जीव मर जाता है। फिर उसके
शरीर को शस्त्रादि से काट काट कर बाहिर निकालते हैं। (९) प्रश्न- हे भगवन्! मनुष्य किस पाप से अन्धा होता है। उत्तर- हे गौतम! शहद के छत्ते के नीचे धूम्र वगैरह का प्रयोग करता
हुआ मधुमक्खीयों को जलाकर छत्ता गिरा देने से मनुष्य अंधा होता है।
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