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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सज्झाय विभाग (१) सिद्धस्वरूप वर्णनमय श्री गौतमस्वामिनी सज्झाय श्री गौतम पृच्छा करे, विनय करी शीष नमाय हो प्रभुजी; अविचल स्थानक में सुरुपो, कृपाकरी मुज बताव हो प्रभुजी. शिवपुर नगर सोहामणुं. ।।१।। आठ करम अलगा करी, सार्यां आतम काज हो प्रभुजी; छुट्या संसारना दुःख थकी, तेने रहेवार्नु कोण ठाम हो प्रभुजी. शिव. ।।२।। वीर कहे उर्ध्व लोकमां, मुक्ति शिला एणे ठाम हो गौतम; स्वर्ग छव्वीसनी उपरे, तेहना बारे नाम हो गौतम. शिव. ।।३।। लाख पिस्तालीस जोयणे, लांबी पहोळी जाण हो गौतम; आठ जोजन जाडी वच्चे, छेडे पातळी तंत हो गौतम. शिव. ।।४।। उज्ज्वल हार मोति तणो, गाय दुधने शंख वखाण हो गौतम; एहथी उज्ज्वल अति घणी, समचोरस संस्थान हो गौतम. शिव. ।।५।। अर्जुन सोनामय दीपति, गठारी मठारी जाण हो गौतम; स्फटीकरत्न वच्चे निर्मली; सुंवाळी अत्यंत वखाण हो गौतम. शिव. ।।६।। ६० For Private And Personal Use Only
SR No.008568
Book TitleGautam Nam Japo Nishdish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharnendrasagar
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2001
Total Pages124
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati & Worship
File Size5 MB
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