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प्रकाशकीय
जिनेश्वर देव चरम तीर्थंकर श्री महावीरस्वामी की कृपा से परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री कैलाससागरसूरि म.सा. के प्रशिष्य राष्ट्रसंत आचार्य देवेश श्री पद्मसागरसूरि म.सा. के प्रथम शिष्यरत्न उपाध्याय श्री धरणेन्द्रसागरजी द्वारा अपने जीवनकाल में संकलित गणधर गुरु श्री गौतमस्वामी की प्राचीन मनीषिओं द्वारा संस्कृत, प्राकृत व मारूगुर्जर भाषाओं में रचित स्तोत्रादि का यह प्रकाशन चतुर्विध संघ के हाथों में सौंपते हुए श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र अपार हर्ष की अनुभूति कर रहा है. इस विशिष्ट संकलन कार्य में श्री गौतमस्वामी के यथासंभव सभी महत्वपूर्ण प्राचीन स्तोत्रों को चयन करने का विद्वान संकलनकार ने पूरा प्रयास किया है.
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इस प्रकाशन कार्य में पाठों की शुद्धता हेतु प्रशंसनीय कार्य किया गया है. हमें विश्वास है कि श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र द्वारा आचार्य श्री कैलाससागरसूरि स्मृति ग्रंथमाला के इस प्रथम पुष्प का समाज में स्वागत किया जाएगा. विद्वानों से आग्रह है कि इस प्रकाशन हेतु अपने सुझाव अवश्य लिखें जिससे अगली आवृत्ति में सुधार किया जा सके.
इस प्रकाशन हेतु पूज्य उपाध्याय श्री धरणेंद्रसागरजी म.सा. को कुछ दाताओं ने आर्थिक सहयोग किया था, जिनके नामों की सूची हमें उपलब्ध नहीं हो सकी है. पूज्यश्री के इन सभी भाविकों के प्रति इस अवसर पर हम आभार व्यक्त करते हैं.
श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र ट्रस्ट कोबा, गांधीनगर
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