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(३३) द्रव्य नाव बाहिरने, अंतर महावीर थावा महावीर प्रभुने भजो, थशो जगत्मां चावा. ३ वीर बनीने वीरने, सेवंतां जीवाय. कलिमां वीर थया विना, जीवतांज मराय. ४ द्रव्यन्नाव शक्तिवमे ए, जीव ते वीरजक्ति बुद्धिसागर वीरनी, ध्यावं आतमशक्ति. ५
____ महावीर प्रभुस्तवन, ए गुण वीर तणो न वीसारु-ए राग. प्रा महावीर वंदु गाईं, ध्यावं जग उपकारीरे प्रभु महावीर नजतां महावीर थाता नरने
नारीरे. प्रनु० १ तुज वजनामृत मानस सरवर, हंस बनीने झील्योरे; अनुजव मौक्तिक ग्रहण करीने, शुद्ध स्वरूपे खोल्योरे. प्रभु० २ नंदनवन सम हारां वचनो, शांति तुष्टि करनारांरे, उपशम क्षयोयशमने क्षायिक
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