________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
वार वार शी वीनति जाणो सहु कडं, चार लगाहो न लेश दुःख में बहु सयुं; बुद्धिसागर सत्य भक्तिथी उद्धारजो, चन्दन वार हजार विनति ए स्वीकारजो.
श्री शीतलनाथ स्तवनम्.
प्रीतलडी.१
पीतलडी बंधाणीरे शीतल जिणंदरों, प्रभु विना क्षण मात्र नहि सोहायजो; प्रेमी विना नहि बीजो ते जाणी शके, रूप प्रभुनुं देखी मन हरखायजो. अन्तरना उपयोगे प्रभुजी दिल वश्या, भक्ति आधीन प्रभुनी माण सनापजो; अनुभवयोगे रंज मजीठनो लागीयो, त्रणभुवनना स्वामी आव्या हायजो. जेम प्रभुना दर्शनमा स्थिरता थती, तेम प्रभुजी आनन्द आपे बेशजो, आनन्द दाता भोक्तानी थइ ऐक्यता, चढी खुमारी यादी आपे हमेशजो. आत्माऽसंख्य प्रदेशे शीतलता खरी, अवधूत योगी प्रगटावे सुख कंदजो
पीतलडी. २
भीतलडी. ३
For Private And Personal Use Only