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पत्र.
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विषय. सुरता ब्रह्मरन्ध्र ध्यान सर्व स्वात्मवशं सुखं आत्मशक्ति चिदानन्द स्वरूप खटपट खोटी माया ममता संतो चेत्या प्रभु प्रीति गुरु स्तुति समज साधु निश्चय रहस्य प्रभु स्तुति आत्म साधन आत्मविवेक परमप्रभुता चित्तने शिक्षा सत्य जाणे शुं दुनिया दिवानी पत्र संदेशो संसारनी आनसता जगत्नुं भलु इच्छवू सिद्धांत बोध संसारमा सुधरो
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