________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सत्यमां धर्म, मूळ छे जाणजो, धर्मना म्हेलनो सत्य पायो; सत्यने बोलतां धर्मने तोलिये, सत्य महिमा जगत्मां गवायो. सत्य. ३ सत्यथी अन्य को धर्म भासे नहीं, सत्यथी धर्मनो पन्थ चाले; सत्यथी देव दानव करे चाकरी, सत्यथी मुक्तिना म्हेल म्हाले. सत्य.४ नामने स्थापना द्रव्यने भावथी, भेद चारे लहो सत्य साचं, सर्व उपदेशनुं मूळ छे सत्यमां, सत्यनी प्राप्ति विण सर्व का. सत्य.५ रूद्धिने सिद्धि सहु सत्यना हाथमां, जगत्मां मानवी कीर्ति पामे; वचननी सिद्धि पण सत्यनी पांखडी, भव्य जीवो ठरे एक ठामे. सत्य.६ सत्य बोल्या थकी कर्मनी नष्टता, सत्य बोल्या थकी ब्रह्म प्राप्ति; आधिने व्याधि उपाधियो नासती, सत्यना वेणथी ज्ञान व्याप्ति. सत्य.७ राम हरिचन्द्रनी सत्य वाणी थकी, जगत्मां पूज्यता तेहि पाम्या; सत्य वाणी वदे टेकथी तेहने, इन्द्र चन्द्रादिके शीर्ष नाम्या. सत्य. ८ सत्य बोलो सदा सत्य बोलो सदा, सत्यमा विजय छे मान साचुं; सत्यनी टेकथी जन्मनी सफलता, जूठनुं वेण छे सर्व काचं. सत्य.९ सत्यमां विजय छे सत्यमा विजय छे, सत्यथी सर्व दुःखो प्रणाशे; बुद्धिसागर सदा सत्य बोल्या थकी,रुद्धिने सिद्धियो सर्वपासे. सत्य.१०
दानमहिमा.
. झुलणाछन्द. दानने देइए दानने देइए, दान दीधा थकी पुण्य वृद्धि; दानथी स्वर्गनी प्राप्ति छे सहजमां दानधी होय सर्वत्र सिद्धिदान.१ थाय वशमां सहु वैरियो दानथी, स्वर्ग पाताळमां कीर्ति गाजे दानथी देवता सेवता चरणने, दानथी मुक्तिनां शर्म छाजे. दान.२ दान दीधां थकी सर्व दोषो टळे, दानथी धर्मर्नु बीज वावे; साधुने प्रेमधी दान दीधा थकी,प्राणिया मुक्तिमा शिघ्र जावे.दान.३
For Private And Personal Use Only