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१०५ ३ सिद्धमा पूर्वोक्त छता पर्याय नित्य छे, अने सामर्थ्य पर्याय अनित्य छे, छता पर्याय, अने सामर्थ्य पर्याय ए के पर्याय सिद्धमा एक समये साथे रया छ, माटे स्यात् नित्या नित्यं नामनो त्रीजो भांगो जाणवो.
४ सिद्धमां नित्य अने अनित्य एबे भांगा एक समयमां छे. किंतु स्याद् नित्य एटलं कहेतां असंख्याता समय लागे, त्यारबाद स्याद् अनित्य भांगो कहेवाय, नित्य कथन समय अनित्य पणुं नाव्यु. अनित्य कथन समये नित्यपणु नायु, एक समयने विषे बे भांगा कहेवामां आवे नहीं, माटे अवक्तव्य नामनो चोयो भांगो सिद्धमां जाणवो. वचनथी अगोचर एटले वचनथी कही शंकाय नहीं तेने अवक्तव्य कहे छे.
५, ६, सिद्धमां अनंत छता पर्याय नित्य छे. ते पण अवक्तव्य छे अनंत सामर्थ्य पर्याय अनित्य छे ते पण अव
क्तव्य छे.
७ सिद्धां नित्यानित्यपणुं युगपत् एक समयमां छे. पण वचनथी अवक्तव्य छे माटे स्यात् नित्यानित्य युगपत अक्त. व्य नामनो सातमो भांगो जाणवो.
वळी सिद्ध परमात्मानां एक अनेकनी सप्तभंगीओ करची. यथा स्यात् एकं, स्यात् अनेकं, स्यात् एकानेकं, स्थान अवक्तव्यम्, स्यात् एकं अवक्तव्यम्, स्यात् अनेकम्, अवकव्यम्, स्यात् एकानेकं युगपत् अवक्तव्यम् ए रीते एक अनेक
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