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आगमसार. लोकालोक प्रमाण अनंत प्रदेश ते अनादि अनंत छे. स्वकाल ते अगुरुलघुगुण सर्वथापणे अनादि अनंत छे अने उपजवे तथा विणसवे सादि सांत छे स्वभावते चार गुण तथा खंध अने अगुरुलघु ते अनादि अनंत छे तथा देश प्रदेश ते सादि सांत छे ते आकाश द्रव्यना बे भेद छे एक चौदराज लोकनो खंध लोकाकाश ते सादि सांत छे बीजो अलोकाशनों खंध ते सादि अनंत छे.* ____ * चउदराज लोकनो खंध लोकाकाश सादि सांत छे ते आवी रीते जे लोकना मध्यभागे आठ रुचक प्रदेशथी मांडीने सादि छे जिहां चउदराज लोकनो अंत आवे तिहां सांत तथा चउदराज लोकनो छेलो प्रदेश मूकीने पछे अलोकनी आदि
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