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अध्यात्मगीता. दलीया संग्रह नयने मते जीवनी सत्ताये रह्या छे, तेहनो स्थिति पाके व्यवहार नयने मते उदय थयो, ते सर्वे तद्वित् शरीर आश्रय द्रव्यबंध जाणवो ३. अने भाव थकी बंध कहतां जे रिजु सूत्र नयने मते मिथ्यात्व अवृत्त कषाय योग रूप सत्तावन ५७ बंध हेतु प्रमुख जीवना परिणाम, एटले तेहनी चिकासे, वली पाछो कर्म रूप दलीयानो बंध पाड़े माटे रिजु सूत्र नयने मते तेहने भावबंध कहिये ४. एणी रीते बंधमें चार नयमां चार निक्षेपा जाणवा.
हिवे मोक्षनीकर्म अवस्थामे निपेक्षा उतारे छे. एटले नाम थकी मोक्ष कहतां जे मोक्ष ऐसो नाम १. स्थापना थकी
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