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आगमसार.
३९६ केम जता नथी? तेनो उत्तर जे अभव्यने काल मले पण अभव्यमा मुक्ति जवानो स्वभाव नथी तेथी मोक्षे जाय नहीं.केमके काल स्वभाव ए वे कारण जोइये नेवारे फरि पूछयुं जे भव्य जीवोमां तो मोक्षे जवानो स्वभाव छे तो सर्व भव्य केम मोक्ष जता नथी तेने उत्तर जे नियत कहेतां निश्चय समकित गुण जागे तेवारें मोक्ष पामे एटले काल स्वभाव नियत ए त्रण कारण मान्या ते वारे फरि पूछयु जे समकित
आदि कारण तो श्रेणिक राजाने हता तो मोक्ष केम न थयो ? तेने उत्तर जे पूर्वकृत कर्म घणां हृतां अथवा पुरुषाकार जे उद्यम करयो नही. फरी पूछयु जे शालिभद्र प्रभुखे तो उद्यम घणो कीधो तेनुं उत्तर जे तेमना पूर्व
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