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आगमसार.
तेमां पहेलुं यथाप्रवृत्ति करण कहे छे. १ ज्ञानावरणीय, २ दर्शनावरणीय, ३ वेदनीय, ४ अंतराय, ए चार कर्मनी त्रोस कोडाकोडी सागरोपमनी स्थिति छे, तेमांथी ओगणत्रीस कोडाकोडी खपावे अने एक कोडाकोडी वाकी राखे, तथा १ नामकर्म, २ गोत्रकर्म, ए बे कर्मनी वीस कोडाकोडी सागरोपमनी स्थिति छे, तेमांथी ओगणीस खपावे अने एक कोडाकोडी राखे, अने मोहनीयकर्मनी सित्तेर कोडाकोडी सागरोपमनी स्थिति छे. तेमांथी अगणोतेर खपावे, बाकी एक कोंडाकोडी शेष राखे । एवी रीते एक आयुकर्म वर्जीने बाकी साते कर्मनी एकपल्योपमना असंख्यातमा भागेन्यून एक कोडाकोडी सागरोपमनी
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