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आगमसार.
धर्मध्यान.
४ संस्थान विचयधर्मध्यान कहे छे. ते चउद राजमान लोकचं स्वरूप विचारे जे ए लोक ते चउदराज ऊंचो छे ते मध्ये सातराज अधोलोक छे. विचमा अढारसो योजन मनुष्य क्षेत्र त्रिछो लोक छे ते ऊपर कांइक ऊणो सातराज ऊर्ध्वलोक छे तेमां सर्व वैमानिक देवता वसे छे अने ऊपरें सिद्ध शिला सिद्ध क्षेत्र छे. ए रीते लोकनुं प्रमाण छे. ए लोकन संस्थान वैशाख छे. अनंतो काल आपणा जीवें संसारमा भमतां सर्व लोकने जन्म मरण करी फरस्यो छे, एवं जे लोक स्वरूप तथा लोकने विषे पंचास्तिकायर्नु अवस्थान तथा परिणमन द्रव्य मध्ये गुणपर्यायर्नु अवस्थान
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