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आगमसार.
उत्पाद व्यय तथा अगुरुलघुना चलननो उत्पाद व्यय पंचास्तिकायने विषे कहेवो. तथा कालद्रव्य ते उपचार के तेनुं स्वरूप सर्व उपचारथीज कहे. ए रीते सर्व द्रव्यमां सतपणो छ जो अगुरुलघुनो भेद न थाय तो पछे प्रदेशनो माहोमांह भेद केम थाय ? ते माटे अगुरुलघुनो भेद सर्वमा छे अने जेनो उत्पाद व्यय रूप सत्पणो एक छे ते द्रव्य एक छे. तथा जेनो उत्पाद व्यय सत् पणो जूदो ते द्रव्य पण जूदो छे एटले सत् केहतां सत्त्वपणो कह्यो.
६ अगुरुलघुपणो कहे छे. जे द्रव्यनो अगुरुलघु पर्याय छे ते छ प्रकारनी हानि वृद्धि करे छे. तेमां छ मकारनी वृद्धि छे.
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