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आगमसार. १२७ स्तिकायमां पण ए त्रणे परिणाम असंख्यात प्रदेशे सदा समय समयमा परिणमी रह्या छे. तेमां पण उपजे विणशे अने थिर रहे छे. एम आकाशना अनंता प्रदेशमां पण एक समये त्रण परिणाम परिणमे छे अने जीवना असंख्याता प्रदेश छे ते मध्ये पण उपजे विणशे थिर रहे (छे.) तथा पुद्गल परमाणुमां पण समये समये थाय छे अने कालनो वर्तमान समय फिटीने अतीतकाल थाय छे तो ते समयमा वर्तमानपणानो विनाश छे अने अतीतपणानो उपजवो छ काल पणे ध्रुव छ. ए स्थूल थकी उत्पाद व्यय ध्रुवपणो कह्यो अने वस्तुगते मूलपणे ज्ञेयने पलटवे जाननो पण ते भासनपणे परिणमयो थाय
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