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आगमसार.
भरेलो स्वीना माथा उपर आवतो जल धारण क्रिया करतो तेने घडो कहे. ए एवंभूत नय कह्यो.
हवे सात नयना दृष्टान्त श्री अनुयोगद्वारा मूत्रथी लखियें छैयं. जेम कोइक पुरुषे पीजा कोइक पुरुषने पुछयु जे तमे किंहां वसो छो तेवारे ते पुरुचे को हुँ लोकमां वसुं छ. ए अशुद्ध नैगम, वली पुछयु जे लोकना त्रण भेद छ, १ अधोलोक, २ त्रिछोलोक ३ ऊर्श्वलोक तेमां तुं किहां रहे छ तेवारें नैगमें कडं जे त्रिछालोकमां रहुंछं. वली पुछयु जे त्रिछालोकमां असंख्याता द्वीप समुद्र छे तेमां तुं कया द्वीपमा रहे छे तेवारें विशुद्ध नैगमें कह्यु जे जंबुद्वीपमा रहुंछु, से
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