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आगमसार,
गुण ते द्रव्य निक्षेप के अने अरूपीगुण ते भावनिक्षेप छे एटले मन वचन काया लेश्यादिक सर्व द्रव्य निक्षेपामा छे अने ज्ञान दर्शन चारित्र वीर्य ध्यान प्रमुख सर्व गुण भाव निक्षेपामां छे. ए भाव निक्षेपो ते नामस्थापना तथा द्रव्य सहित होय एटले चार निक्षेपा कह्या.
हने चार निक्षेपा पदार्थ ऊपर लगाडी देखाडे छे. नाम जीव ते चेतना अथवा मांचाना एक वाणने जीव कही बोलावे छे ते नाम निक्षेपे जीव. मूर्ति प्रमुख थापियें ते स्थापना जीव. एकेंद्रियथी पंचेंद्रिय पर्यंत सर्व जीव छ पण उपयोग मिले नहि ते द्रव्य जीव. अने मूर्तिमां जीव स्वरूप ओलखी समकितना
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