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श्रीबृहद् धारणायंत्र।
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राशिकुट :---
यदा सन्नाडी-सत्तारा- सद्यौनि-सद्गणाः खलु तदाराशिकूटःश्रेष्टः मध्यमग्रहयोरपि इत्थंघटकन्याकर्क मीनानांपंचमःसह मध्यमं शेषराशीनां शुभंतन्नवपंचमं (मध्यमपंचमैरन्य- राशीनांतुशुभावह)
वर्गवरयंत्रः अक्षरा: वर्गः ! वैर वर्ग: अक्षराः
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पतिः
पतिः
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सर्प
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लम्बदेय ध्र वांकयंत्रः | वर्ग } अ क च ट ! त प य | श | १ पूर्ण: ; १ २ ३ ० १ २ ३ ० पूर्णांक २ उत्तरः ॥ १ ॥ २ २॥ : ३ ३॥ | विशिष्टांक :
नामद्वयाद्याक्षरवर्गयोः ध्रुवांको एकीकृत्य चतुभिः विभाज्या: विशिष्टा: दिशोपका: प्रथमेनदेयाः। एवं परस्परं गणनीयं ॥ इति ॥