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त्यदादि - अव्ययः अम्हे' एत्थ अम्हेत्थ | वयमत्र ] अव्यय - अव्ययः जइ एत्थ जइत्थ [ यद्यत्र ] अव्यय - त्यदादिः जइ अहं जइहं [ यद्यहम् ] जइ इमा जइमा [ यदीयम् ]
व्यंजन संधि
विसर्ग-भो
११ अकारथी पर आवेला ' विसर्ग 'नो ओ थाय छे:---
अग्रतः अग्गओ ।
अन्तः+विस्रम्भः=अंतोषी संभो ।
पुरत:-पुरओ | मनःशिला=मणोसिला | मार्गतः माओ | सर्वतः सव्वओ |
म=अनुस्वार
१२ पदने अंते रहेला मकारनो अनुस्वार थाय छे:गिरिम् = गिरिं । जलम् =जलं । फलम् = फलं । वृक्षम् = वच्छं |
१३ स्वर पर रहेता अन्त्य 'म' नो अनुस्वार विकल्पे थाय छे: उसभम्+अजिअं=उसभं अजिअं, उसममजिअं [ऋषभमजितम् ]
१ पालि प्र० सं० नि० १ (ख) पृ० ६५ - ते+अहं=तेहं |
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२ कोई ठेकाणे डबल अनुस्वार थंई जाय छे. जेमके - वर्णामिवर्णमि ( वने )
प्रा. १३
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म्म' नी आदिमा रहेला 'म्' नो पण
३ जूओ पालि प्र० सं० पृ० ७७ यं आहुव्यमाहु ( यदाहुः )
धनं+एवनमेव |