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________________ १५ अनेकांड उत्तरकालीन भी सविशेष प्रचलित है । इस स्पष्टीकरण के आधारपर प्रासाद जाति विबेचन लतिनसे किया जाय तो विशेष तर्कयुक्त गिना जायगा । १ नागर - अनेकांक नागर-सामान्यतया बृहद्का मदपीठ या गजाश्वनरादिपीठ, पूर्णालंकारी मंडोवर, छाययुक्त, उसके शिरपर शृङ्ग, ऊरुशृङ्ग, प्रत्याङ्ग, तवङ्ग तिलक और मूलमंजरी को दल विभक्ति से प्रकट होता हुआ अनेक अंडक के समुहसे रचे जाते शिस्तबद्ध शिखर, जिसके स्कंधके सिरपर आमलसारा कलशयुक्त शिखरको अपराजितपृच्छाकारने नागर जातिको माना है, उसके आगे कली चोकी होती है लेकिन ज्यादातर वितानयुक्त रंगमंडप अथवा गूढमंडप ऊपर फासना या संवरणायुक्त होती है । अपराजितकारने नागरके पाँच भेदो और उनके स्वरूप और उनके भेद कहे हैंः । भेद नाम १. वैराज्य २. पुष्पक ३. कलास ४. मणिपुष्प ९. त्रिविष्टय स्वरूप चोरस चोरस वृत्त (गोल) लम्बगोल अष्टांश ५८८ ३०० ५०० १५० ३५० कुल १८८८ नागरजाति तलदर्शन पत्र ७५ पर है नागरजाति नारघाट प्रासादके संपूर्ण अंगयुक्त आलेखन यहां बडा पेज २ पर दिया है । २ लतिन - शिखर जालांकृत लताओं से बना हुआ (कुडचलेवाला) अने रेखायुक्त वेणुकोपसे आकारबद्ध बनता हुआ और शृङ्गाटङ्ग रहित एक अमलसारा को कलशयुक्त शिखर होता है। पुराने लतिनका मंडोवरपर छाय नहीं होता है । ऐसे प्रासादोंके आगे कवली के बाद बहुत करके प्रावि (केवल चोकियाला) होता है। नीचे काम पीठसे उठे हुए उपांगों शिखरके स्कंध तक जाते हैं । शिखर वरंडिका के ऊपर अंतराल जैसे कण्ठ पर वेणुकोपसे शिखरकी रेखा उस्पन्न होती है । रेखाके अलावा कई में लतापंचक (पाँच उपांग) होते हैं । उनके शिखर के मध्य भद्रको मध्यलता कहते हैं । शिखरके उपांगोंको बालपंजर (बालञ्जर ) _कहते हैं। ऊपर की खडी रेखा खण्ड कला और भूमि आमलयुक्त होती हैं । इन उपांगों उपरी भागको स्कन्ध कहते हैं । लतिन प्रासादों रेखा विस्तारसे सामात्य तया सवागुने (१४) उदयके स्कन्ध तक होते हैं । स्कन्ध पर आमलसारक होता है। उसके अङ्गमें नीचे ग्रीवा चंद्रिका आमलसारिका ( पर चुलिका से कही होती है) उसके उपर कलश होता है। शिखर के नीचेका विस्तारका १० भाग करके ५ से ६ भाग स्कन्ध विस्तार होता है ।
SR No.008421
Book TitleKshirarnava
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhashankar Oghadbhai Sompura
PublisherBalwantrai Sompura
Publication Year
Total Pages416
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati, Art, & Culture
File Size13 MB
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